मंगलवार, 30 दिसंबर 2008

आप जो भी कम करना चाहे

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आज का महत्त्व

मंगलवार, 16 दिसंबर 2008

कल आते ही उन्होंने फिर कल की बातें शुरू कर दी थी ,कल जो भी गया था बहुत विषाक्त था उसकी यादें फिर वातावरण को दुखद बना गई। आज वे सचमुच बहुत खुश थे स्वयम चल कर आए थे ' उस दिन आर्ध murहां में थे, आते ही बोले तब कितना दुःख उठाया था ,मैंने कहा
आज तो आप बहुत बेहतर हें

हम चाय पीराहे हें आप नास्ता कर रहे हें
फिर उस दिन को आज में ले आना क्या उचित हे
आज जो सुंदर हे बेहतर हे ]वोह जिसने दिया हे उसे धन्यवाद तो दें

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सहज दिव्य जीवन

गुरुवार, 9 अक्तूबर 2008

हमारा आज हमारे ही हाथ में सुरक्षित हे ।
जो कल हमरे पास से गुजर गया हे ,वोह अब लौट कर आने वाला नंही हे ।
जो कल आने वाला हे उसका हमें कुछ भी पता नंही हे
फिर भी हम अपने आपको दुखी रखते हें
न जाने किस कल के इंतजार में अपने आपको भुलाये रखते हें
आज का अगर पूरा इस्तेमाल ढंग से होजाए तो आने वाला कल भी बहुत कुछ हमारी भावना केअनकूल हो सकता हे ।
आज ही वर्तमान हे , इसमें रहना ही जीवन की कला हे
जो हमें आना चाहिए ।

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